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परमेशर के धस्मपस्तक में लिखा हैं, कि काई धर्मों
:. नहीं है, एक भी नहों, बकनेहार नहीं, काई ई-
. अर का दढ नेहार नहों ; सब भटके ऋूए हैं, सब के
.. सब निकस्त हैं, कोई भला कनहार नहीं , एक भी न-
हू ; इस कारण सभों ने पाप किया है, ओर ईअर की
महिमा नहों दिखलाई ; वे सब अपराधों और पापों
मे रहते हैं; ककम के कारण हम सब मन में ईशअर
. - के शत्र हें, इस कारण अपविच्र मन ईशर से शचता
.._ रखता है, क्योंकि वच ईशर के व्यवस्था के वश में नहीं
... है, आर नहों हा सकता है। देखा, हम अधम सें
._ उत्पन्न हुये, और पाप में हमारी माता ने हमें जना,
.. एसी है समस्त मन॒ण्यों की दशा ; परंत हम भी देाषी
... हैं, आर नरक की पीडा के याग्य हैं, किस लिये कि
.'. घमपुखक सें फेर लिखा है, कि बच मनव्य जे! पाप कर-
. ताहैे, नरक कौ पीड़ा में डाला जायेगा ; इस लिये
काई मनय्य अपने कम से परणेशर को दृष्टि में धर्मों
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नहों ठदरेगा, वियोकि सभों ने पाप किया है, और
पाप का फल खत्थ हैे। हर एक मनव्य जे। धमपसतक में
लिखी छई रुमस्त बातों का नहों मानता, आपित है ।
सो हे सन्नवाजा, यदि तमहारी दशा एसी बरो होगी
ता अपनो रूश्टता से पछतावा करे, और ईशर की
प्राथना करा, और तम्हार अपराध क्षमा किये जाथग।
मड़लसमाचार सने ; भ तब्हारे पास मड्रलसमाचार
लाता हूं, जे सब लागों के लिये बड़ा आनन्द उोगा ,
क्योंकि तरहारे लिये एक मुक्तिदाता उत्पन्न हआ , जा
प्रभ ईसा मसोह कहलाता हे; देखा, यह परमेशर का
पत्र हे, जा रुसार के पाप लेजाता हे, क्येंकि ई॑शर ने
मनधथ्यों पर एसा प्रम किया हैं, कि उस ने अग्रा एंक-
लेता पत्र द्वान ढिया, कि जा काई उस पर वि-
आस लावे, नाश न हेवे, परत सुक्ति पाते ; हां, ई
आर ने अपने पत्र के संसार में इस लिये नहीं भेजा,
कि वह मनथों का देधी करे, अथवा किसी का मार
डाले, अथवा नास्तिक मत्त फंलाब, परत इस
लिये भेजा, कि मनव्य उस के कारण सुक्षि पाव।
से हे हिंदू लोग, तन्हें जाना जाये कि पाषों से
सुक्ति ईसा मसोह के कारण से तम सभों के लिये
उपदेश किया जाता है; ओर हर एक जन जो
विद्यास लाता है, उसो की ओर से समस्त बस्तुओं
से निदाषों है; परंत ह्मरण करा, हे रन्नवा-
ले।, कि ईसा मयोद्ध के बिना ओर मुक्तिदाता काई
फ.
फतह हा
| है
नहीं है, गैर किसी दूसरे में मुन्नि नहों, क्योंकि
खग के तले काई दूसरा नाम नहों है, जिस से हम
लेग च्राण पा सकते हैं। क्योंकि ईशुर एक ही है, ओर
ईशर ओर आदमियों के बीच में एक हैं, अथात
ईसा ससीचह बीचबी है, आर वह कहता हैं, कि में
धम माग, आर सच्चाई ऊ, मेरे बिना काई पर मेशर
के पास नहीं आ सकता। सो हे सजन्नवाला, ईसा
मसोह की ओर दृष्टि करा, उस्त को प्राथना करे,
और उस पर विश्वास लाओआ ; जिस ने ईसा मसीह
का छाडके मतां, आर देवताओं पर भरोसा किई
तिस ने अम्हत छोड दिया, और बिष पीया। ईसा
मसीह कहता है, हे हर एक जा पियासा है, आ-
आग, और जिस के पास कक रूपेया नहों है, आओ,
पीओ। हां, आओ, बिना रूपेया, आर बिना
दाम अम्दत पोओआ। छे सकल लागा, जो दुःख,
और बडे उदास में हा।, मेरे पास आओ, ओर में
तब्हें सख देऊंगा; मेरी आज्ञा माना, ओर मक्क से
सोखे, क्योंकि में केमल, ओर मन में दौना्
आर तम अपने दिल में सख पाओआग; आओ, क्यां-
कि सब बस्त सिद्ध हैं, उस का जे। मेरे पास आता है
में किसो प्रकार से निकाल न देऊंगा। जे! कि ईसा
मसोह पर विश्वास रखता है, अनन्त जीवन रखता
है, ओर वह जे। ईसा पर विद्यास नहीं रखता,
मुक्षि न प्रावेगा, मरंत ईशुर का क्राध उस पर रइ-
४
ता है। फर धर्मआत्मा, ओर ईसा मसीह कहते हैं,
आजा, और वचउ जे। सनता है, करे, आझ»े।, और
जे! पियासा है, से। आवे, और जो काई चाहे , अ-
म्हत जल बिना रूपेया ओर दाम के पोवे। सो हे
सन्नेवाला, इन बातें पर सोचे, ओर ईसा मसोक
को बलाहट का माना, और इस प्रकार से तन्हारी
चाए हेाोगी। परंत यदि तम ईसा मसीह का मड्ल-
समाचार नहों मानते, ता अपने पाप का फल
सनेा। ईसा अप्न द्तां का भेजेगा, ओर वे उस के
राज्य से उन सभा का, जे पाप करते हैं, और उन
लागों का, जे बराई करते हैं, एकट्ढले करेंगे, ओर
उन्ह नरक में डालेंगे, जहां बहुत कष्ट हेगा। और
पापोओं का ईसा मसोह कहेगा, मेरे सन्मख से द्वर
हा। ता वे अनन्त पोड़ा में जायंगे। हां, वह जा
ईसा पर असम न रखे, से आपित हाोगा। जब ईसा
आवेगा, तब खग से अश्न पराक्रमी छतां के संग प्रगट
हागा, ओर उन्हों से जो ईशर का नहीं पहचानते
ओर जा उमारे प्रभ ईसा मस्तोह का मड्रलरमाचार
नहों मानले, पलटा लेगा, कि बे प्रभ के सद्यख से,
उस के पराक्रम की महिमा से अनन्त बिनाझ से ताड़ना
पावेंग। उस काल में वह जिस का नाम इंशर के पस्तक
में नलिखा है , नरक में डाला जायेगा। सो हे सन्नवा-
ले। अप ने पाप से पकताव। करो , और इस मड़लसमा-
चार पर विश्वास लाओआ। देखा, ग्रहण करने का सब्य
: प्
अब है; ओर देखा, सुक्तिका दिन अब है। जब
ला परमेशर पाया जाये, तब ले उसे ढंढा, जब लॉ
वह समीप है, तम उसे पकड़े।॥ दुष्ट अप्न मागे का
और अधर्मी अप्न काम का त्यागं, ओर परमेशर के
आर फिरे, व्यांकि वह दया से उसे ग्रहण करेगा;
आर हमारे इंशर की आर आ), उ्थांकि वह कृपा
से परिषण है ॥ संप्द छा ॥॥
के जता. उन ऋवीमिर
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